छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम रायपुर की स्थापना कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत लाभ न कमाने वाली कम्पनी के रूप में दिनांक 20/05/2004 को की गई। यह छत्तीसगढ़ शासन, समाज कल्याण विभाग का उपक्रम है जिसका प्रबंधन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नामित निदेशक मण्डल के माध्यम से किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को ऋण प्रदाय करने हेतु राष्ट्रीय स्तर में नेशनल हैण्डीकैप्ड फायनेंस एण्ड डिवैल्पमेंट कार्पोरेशन नई दिल्ली (NHFDC) से अनुबंध कर चैनलाईजिंग एजेन्सी के रूप में दिनांक 06/04/2004 को अधिकृत किया गया हैं। दिव्यांगजनों को स्वरोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने तथा उनके आर्थिक पुनर्वास की कार्यवाही संचालित करने हेतु न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण राशि स्वीकृत कर प्रदान किया जाता है। नेशनल हैण्डीकैप्ड फायनेंस एण्ड डिवैल्पमेंट कार्पोरेशन नई दिल्ली (NHFDC) के शर्तों के अधीन ऋण स्वीकृत करते हुए स्थापना वर्ष से वित्तीय वर्ष 2022-23 तक कुल 2796 दिव्यांग हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
नियमित ऋण अदायगी करने वाले दिव्यांग हितग्राहियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार दिव्याग हितग्राहियो को 75 प्रतिशत तक ऋण अदायगी पश्चात् उनके द्वारा पटाई गई मूलधन एवं ब्याज की ऋण राशि से ब्याज की राशि का 25 प्रतिशत उत्थान सब्सीडी के रूप में दिया जाता है। उक्त योजना द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में वित्तीय वर्ष 2021-22 तक कुल 406 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ निशक्तजन वित्त एवं विकास निगम का मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार है:-